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नैनो की बात

नमन मंच, 
मेरे जज्बात, 


          नैनो की बात 

ये नैन बावरे चाहते वही देखना जो मन को भाये  । 
फिर वो भले जान पर बन जाये  l
पल में ही किसी को सर आँखो पर बिठाते पल में दिल से उतार उसको देते  ।। 
मन को पता नैन परदेसी से कभी न लडाना ।
और वो दिल किसी अंजान को ही दे बैठते ।। 
अपना सब उसी पर लुटाते ।
और वो तकते राह उसकी ही ।। 
परदेसी को बनाते पिया दिल बीच पनाह देते ।
कसूर नैनो का होता दिल बेचारा रोता ।। 
किस्सा वही वो अंजान रुलाता छोड़ चला जाता  ।
दिल तोड़ देता नैनों से बस आँसू आते ।। 
या तो उसके इंतज़ार चैन वैन दिन रात का खोते ।
सुकून पल का नहीं मिलता ।। 
बातें नैनों की बैरी ये नैन जानें ।
फिर मासूम ये दिल क्यों टूटता ।। 
फिर न कभी किसी से दिल न लगाता ।
टूटा विश्वास फिर न जुड़ता । 

वर्षा उपाध्याय ,खंडवा.

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2 Comments

Mohammed urooj khan

09-May-2024 01:44 PM

👌🏾👌🏾👌🏾

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kashish

09-May-2024 07:09 AM

V nice

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